२०११ की जनगणना नुसार भारत में कुल ४६ लाख ५१ हजार ७५३ जैन बांधव हे लेकिन यह संख्या २ करोड़ तक हो सकती है | सभी जैन भाई बहणोंसें से करबद्ध निवेदन है कि अपनी पूर्ण योग्यता, शक्ति एवं समर्पण के साथ इस महाअभियान में सहभाग लेकर अधिक से अधिक साधर्मी परिवारों तक, हर एक जैन भाई बहन तक पहुचने की ज़िम्मेदारी हम सभी की है ताकि जैनोकी निश्चित आबादी मालूम हो |
जैन जागरूकता अभियान के अंतर्गत भारतीय जन गणना 2025
में केवल जैन ही लिखें |
👉 धर्म :- जैन
👉 जाती :- अपनी अपनी जाती जैसे अग्र्वाल, लाड, सैतवाल, कोष्टी, इ. (इसमे "जैन" ना लिखे)
जन गणना शीघ्र प्रारम्भ हो रही है। अभी नहीं जागे, तो 10 वर्ष तक मौका नहीं मिलेगा।
सभी जैनों के लिए इस अवसर पर 2 बातों का विशेष ध्यान रखना है।
1. धर्म का coloum :-सिर्फ जैन (न दिगम्बर, न श्वेताम्बर और न ही कुछ और लिखे)
2. भाषा का coloum :-
अपनी प्रादेशिक भाषाओं (हिन्दी आदि) के साथ धार्मिक भाषा प्राकृत भी लिखें।
विशेष- भारत सरकार और अन्य प्रादेशिक सरकारें जनसंख्या के आधार पर ही अनेक लाभकारी योजनाओं का निर्माण करती हैं। लोकतंत्र में जैन संस्कृति का संरक्षण चाहते हैं, तो
अभी से जागरूक होना पड़ेगा । जैन समाज के सैतवाल, कोष्टी, शिपि, आदी जातियो को महाराष्ट्र और देश कि कई राज्यो मे OBC/SBC का दर्जा दिया गया है, जीससे उन अनुयायो को OBC/SBC का हा फायदा मिलेगा |